रमजान में शमी के एनर्जी ड्रिंक पीने पर बवाल! मौलानाओं ने बताया गुनहगार, नेता बोले – खेल में धर्म न घसीटें

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  • मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की आपत्ति – रमजान में रोजा न रखना शरीयत के खिलाफ, शमी को बताया गुनहगार।
  • मौलाना साजिद रशीदी का जवाब – रोजा रखना या न रखना व्यक्ति का निजी फैसला, इसे विवाद न बनाया जाए।
  • एनसीपी नेता रोहित पवार की प्रतिक्रिया – शमी भारतीय टीम के नायक, खेल में धर्म को लाना गलत।

Mohammed Shami Fasting Controversy: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी मैदान पर अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरते हैं, लेकिन इस बार वे मैदान के बाहर चर्चा में आ गए हैं। वजह? चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान शमी एनर्जी ड्रिंक पीते नजर आए, और इस पर बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी भड़क उठे। उन्होंने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखना फर्ज़ है, और अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति जानबूझकर रोजा नहीं रखता, तो वह शरीयत की नजर में गुनहगार है। उन्होंने शमी को ‘अपराधी’ तक करार दे दिया!

इस बयान पर मौलाना साजिद रशीदी ने पलटवार किया और कहा कि रोजा रखना या न रखना पूरी तरह से व्यक्ति का निजी मामला है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जबरदस्ती किसी पर धार्मिक दबाव डालना गलत है।

वहीं, एनसीपी नेता रोहित पवार भी इस विवाद में कूद पड़े। उन्होंने साफ कहा कि खेल और धर्म को मिलाना गलत है। शमी ने अपने प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया है और उन पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर रोजा रखने से उनके खेल पर असर पड़ता, तो शमी कभी खुद को माफ नहीं कर पाते। वह कट्टर भारतीय हैं और उनका समर्पण किसी से कम नहीं।”

शमी का प्रदर्शन:
शमी ने चैंपियंस ट्रॉफी में अब तक 8 विकेट झटके हैं और चोट के बाद शानदार वापसी की है। बुमराह की गैरमौजूदगी में वे टीम इंडिया के तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई कर रहे हैं। ऐसे में उनके खेल से ज्यादा उनके खाने-पीने पर बवाल खड़ा करना कहां तक जायज है?